Muni shabd roop|मुनि शब्द रूप

Sanskrit

Muni shabd roop-क्या आपको मुनि शब्द रूप याद हैं।संस्कृत व्याकरण में मुनि शब्दरूप बहुत ज्यादा पूछे जाने वाले शब्दरूप में से एक हैं।यदि आप किसी कक्षा जैसे कि 6, 7, 8, 9 या फिर मैट्रिक में पढ़ते हैं और संस्कृत व्याकरण आपका subject हैं तो आपको मुनि शब्दरूप याद करना अनिवार्य हैं।मुनि शब्दरूप संस्कृत व्याकरण में पूछे जाने शब्दरूप में से एक हैं।हिंदी हो या संस्कृत दोनों ही भाषा में शब्दरूप काफी महत्वपूर्ण topic हैं।इन शब्दरूप के बिना आप संस्कृत व्याकरण अधूरा हैं।

मुनि एक पुलिंग शब्द है।Class 6, 7, 8, 9 और Board exam देने वाले छात्रों के लिए इन शब्द रूप को याद करना काफी अनिवार्य हैं।

Muni shabdroop in sanskrit

शब्दरूप क्या हैं?

एक ऐसा शब्द जो किसी suffix से जुड़कर एक नए शब्द का निर्माण एक नए अर्थ के साथ करता हैं और इसे ही हमलोग शब्दरूप कहते हैं।

Shabdroop में Main शब्द को प्रकृति और जोड़े जाने वाले शब्द को प्रत्यय कहते है।शब्दरूप में शब्द और प्रत्यय को अलग इस्तेमाल नही किया जा सकता हैं।दोनों मिलकर एक विशेष अर्थ के साथ एक meaningful शब्द का निर्माण होता हैं।

Muni shabd roop in sanskrit|मुनि शब्द रूप इन संस्कृत

यहाँ मुनि शब्द रूप को उनके विभक्तियों के साथ विस्तार से जानेंगे।सारे के सारे विभक्तियों को उनके कारक के साथ जानने का प्रयास करेंगे।

कारक एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा मुनिः मुनी मुनयः
द्वितीया मुनिम् मुनी मुनीन्
तृतीया मुनिना मुनिभ्याम् मुनिभिः
चतुर्थी मुनये मुनिभ्याम् मुनिभ्यः
पंचमी मुनेः मुनिभ्याम् मुनिभ्यः
षष्‍ठी मुनेः मुन्योः मुनीनाम्
सप्‍तमी मुनौ मुन्योः मुनिषु
सम्बोधन हे मुने! हे मुनी! हे मुनयः!

ऊपर विभक्तियों के अनुसार मुनि शब्दरूप को जाना हैं लेकिन नीचे कारक अनुसार मुनि शब्दरूप को जानेंगे।चलिए जानते हैं।

कारक एकवचन द्विवचन बहुवचन
कर्ता मुनिः
(एक मुनि ने)
मुनी
(दो मुनि ने)
मुनयः
(अनेक मुनि ने)
कर्म मुनिम्
(एक मुनि को)
मुनी
(दो मुनि को)
मुनीन्
(अनेक मुनि को)
करण मुनिना
(एक मुनि से, एक मुनि के द्वारा)
मुनिभ्याम्
(दो मुनि से, दो मुनि के द्वारा)
मुनिभिः
(अनेक मुनि से, अनेक मुनि के द्वारा)
सम्प्रदान मुनये
(एक मुनि को, के लिए)
मुनिभ्याम्
(दो मुनि को, के लिए)
मुनिभ्यः
(अनेक मुनि को, के लिए)
अपादान मुनेः
(एक मुनि से)
मुनिभ्याम्
(दो मुनि से)
मुनिभ्यः
(अनेक मुनि से)
सम्बन्ध मुनेः
(एक मुनि का, एक मुनि की, एक मुनि के)
मुन्योः
(दो मुनि का,
दो मुनि की, दो मुनि के)
लतानाम्
(अनेक मुनि का, अनेक मुनि की, अनेक मुनि के)
अधिकरण मुनौ
(मुनि पर, मुनि ने)
मुन्योः
(दो मुनि पर, दो मुनि ने)
लतासु
(अनेक मुनि पर,
अनेक मुनि ने)
सम्बोधन हे मुने!
(हैं मुनि)
हे मुनी!
(हैं दो मुनि)
हे मुनयः!
(हैं अनेक मुनि)

Muni shabd roop(video से जाने)

FAQs on Muni shabd roop

मुनि शब्दरूप स्त्रीलिंग या पुलिंग शब्द हैं?

पुलिंग

मुनि क्या हैं?

मुनि उन महापुरुष को बोलते हैं जो काफी विचारशील और दार्शनिक प्रकृति के होते हैं।मुनि वो महापुरुष होते हैं जो सैकड़ो वर्षों तक तपस्या कर ज्ञान को अर्जित करते हैं।इनमें ज्ञान का भंडार होता हैं और मन से बात करने की अलग ही क्षमता होती हैं।

शब्द रूप क्यों जरूरी हैं?

संस्कृत में शब्दो को अनेक अर्थ वाले शब्द बनाने में शब्दरूप का इस्तेमाल होता हैं।शब्दरूप संस्कृत भाषा में काफी आवश्यक हैं क्योंकि यह एक शब्द के अनेक शाब्दिक अर्थ बनाने वाले शब्द में कारगर हैं।

शब्दरूप में कुल कितने विभक्तियाँ और वचन होते हैं?

शब्दरूप में 8 विभक्तियाँ और 3 वचन होते हैं।विभक्तियों और वचन के अलग अलग अर्थ होते हैं।जैसे कि एकवचन में एक person के लिए, द्विवचम में दो person के लिए और बहुवचन में अनेक person के इस्तेमाल किया जाता हैं।

Conclusion

आज हमलोग इस article में मुनि शब्दरूप के सभी विभक्तियों को उनके वचन के साथ समझाने की कोशिश की हैं।मुनि शब्द रूप संस्कृत व्याकरण में इस्तेमाल होने वाला महत्वपूर्ण शब्दरूप हैं।यहाँ हमलोग मुनि शब्दरूप को कारक अनुसार भी बतलाने की कोशिश की है।

हमने मुनि शब्दरूप को table में अंकित कर सुझावपूर्वक बतलाने की कोशिश की हैं।आप यहाँ नदी शब्द रूप को आसानी से याद कर सकते हैं।इस शब्दरूप को पढ़ने के बाद अपने विचारों को कमेंट करके जरूर बतलाए और साथ ही इस शब्दरूप को दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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Tags: मुनि शब्दरूप, Muni shabd roop in sankrit

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